' पापा मेरे '
पैदा होते ही देखी एक चेहरा है,
ना जाने उन्हें कैसे हमारी इतनी पहचान है,
कहानियों से उन्हें बेहत प्यार है,
और मेरे मुस्कुराहट की उन्हें हमेशा से इंतजार है।
याद है उनकी बचपन में सिखाई हुई वो साइकिल,
साथ है हर पल खतरों से बचाती हुई उनकी नजरें,
हौसला बढ़ाने वाली वो हिम्मत भरी बातें,
मुश्किलों से निकलने की वो बेशकीमती तरकीबें।
केहेते है वे हमसे की,
"हो तुम जहान में सब से परे,
दुनिया जीतने की क्षमता है तुम में।"
नमन करता हूं आज मैं उन मेहेनाती हाथों को,
जिन्होंने इस लायक बनाया है इस शैतानी लड़के को।
केहेते है, सपने हर कोई देखता है,
पर उन्होंने तो सपने हमारे नज़रों से ही देखी है।
वादा करते है आज ये हम उनसे,
हमेशा सच्चे रहेंगे खुदसे,
उनके लिए।।
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